बच्चे बात नहीं मानते क्या करें
बच्चों के बारे मां बाप आमतौर पर कहते रहते हैं बच्चे जिद्दी हैं । करना नहीँ मानते । यह पढ़ते नहीँ । ये कामचोर हैं । आज के बच्चे तूफान मचाते हैं।
मां बाप के ये बोल और सोच ईथर के माध्यम से बच्चे पकड़ लेते हैं और वही करने लगते हैं जो आप सोच रहे हैं ।
आज्ञाकारी बच्चे सभी को प्रिय होते हैँ । बचपन से ही बच्चों को आज्ञाकारी बनाए जाने की जरूरत है। बच्चा धीरे धीरे और क्रमिक गति से विकास करता है ।
जिन घरो में बच्चे आज्ञापालन के अभ्यस्त नहीँ होते तो वहां सदैव अशांति का निवास होता है । हमें जिंदगी भर किसी न किसी की आज्ञा पर चलना पड़ता है । कुछ बच्चों तथा माता पिता के बीच सदैव अनबन रहती हैँ ।
यही बात अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच रहती हैँ ।
आज्ञा पालन एक आदत हैँ । बच्चे को जिस तरह मोड़ना चाहे वह मुड़ जाएगा । बहुत से माता पिता कहते रहते हैँ कि अरे अभी तो यह बहुत छोटा हैँ, नासमझ है अभी से इसके सुधारने की क्या जरूरत पड़ी है ।
बचपन वह स्वर्णिम काल है जब बच्चे के स्वभाव का निर्माण हो रहा होता है। आप बच्चों की शारीरिक गतिविधियों को नहीँ देखो। आप जैसी आदते उन में चाहते हैं वह सोचा करो
आप आज्ञाकारी हो। आप मीठे स्वभाव के हो ।आप कभी रूठते नहीँ । आप के ये संकल्प उन्हे बदल देंगे !
बच्चे के मन में यह बात गहरे से बिठा दे कि अमुक समान से छेडछाड़ नहीँ करें।सके हाथ से कोई वस्तु लेनी भी पड़ जाए तो मुस्कराते हुए उस से ले लें । इस तरह वह रुष्ट नहीँ होगा ।
वह जब कोई वर्जित वस्तु लेने की इच्छा करता है तो तुरंत उसका ध्यान दूसरी तरफ मोड़ दिया जाए ।
तीखे स्वर तथा चिड़चिड़ेपन के साथ रखी गई अच्छी बातो का भी बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । वे तीखेपन से सहम जाते हैँ ।
पशुओ को साधने वाले रिंग मास्टर भी बहुत ही शांति तथा धैर्य से काम लेते हैं । बच्चों के हर अच्छे काम पर शाबाश दो ।
बच्चों में आज्ञा न मानने का मूल कारण हैं मां बाप की बच्चों के प्रति सोच ठीक नहीँ हैं अमुक काम के लिए कहना बेकार हैं क्योकि इस ने मानना तो हैं ही नहीँ ।
मां-बाप तथा दूसरे अभिभावक भगवान को याद करते हुए बच्चे के प्रति मन में कहते रहें कि आप आज्ञाकारी हो आप कहना मानते हो । बच्चा आज्ञाकारी बनेगा ।
दूसरो के सामने बच्चे के बारे यह न कहें कि यह कहना नहीँ मानता यह बहुत नालायक हैं। मन में सदा बच्चे को कहते रहो आप लायक हो लायक हो । आप की मानसिक तरंगे बच्चे को लायक बना देगी ।
जब बड़े एक दूसरे का कहना नहीँ मानते तो बच्चे भी वही करने लगते हैं ।
बच्चों को ताने मारना
मां बाप आमतौर पर बच्चों को ताने मारते रहते हैँ । बेशर्म गधे इतना बड़ा हो गया पर अक्ल जरा भी नहीँ । जब देखो तब छोटे भाई बहिनो को मारता रहता है । पढ़ना लिखना आता नहीँ, तीन तीन साल एक ही क्लास में सड़ता रहता हैँ ।
ऐसी औलाद किस काम क़ी जो मा बाप का नाम डुबोए ।
निकल जा यहां से ..........काम का ना काज का। कैसी गली सड़ी सब्जी ले कर आता है । कितनी बार कह चुकी हूं कौओं से ढोल मत पिटवाया करो । आखिर यह कब तक कौआ बना रहेगा । उम्र तो 20 साल हो गई है पता नहीँ इसे कब अक्ल आएगी !
आप के यह कर्कश शब्द बच्चों के मन में घृणा, उपेक्षा और विद्रोह क़ी भावना बढ़ाते है । आगे चल कर यही बच्चे बोझ बन जाते है ऐसे ही क्रोधी,हिंसक, अपराधी एवं अनुशासनहीन बन कर परिवार और समाज के लिए समस्या बन जाते है ।
ऐसे बच्चों के बारे में शिकायत करते है कि हमारे हाथो से तो निकल गया, अब तो आप ही कुछ करें ।अभिभावक ऐसे बच्चों के साथ बैठ कर समय नहीँ बिताते ।अभिभावक ऐसे बच्चों क़ी रुचियों में रुचि नहीँ लेते और ना ही उनके लिए उपहार लाते हैँ ।
पडोस के बच्चों के सामने उन्हे हीन और कमजोर समझा जाता है। उन्हे बात बात पर फटकारा जाता है और हाथ उठाया जाता है । ऐसे बच्चों का किसी के साथ विवाद हो जाए तो उनका पक्ष नहीँ लिया जाता ।
उन पर झूठे आरोप लगाए जाते है और डराया धमकाया जाता है। उनके आचरण पर संदेह किया जाता है । उनका मजाक उड़ाया जाता है । ऐसे बच्चे घर क़ी अपेक्षा बाहर खुश रहते है । इस क़ी जड़ यह हैँ कि मां बॉप के दिल में स्नेह क़ी कमी है ।
मां बाप बाहर से स्नेह प्रकट करते हैँ । परन्तु मन में स्नेह नहीँ हैँ । वह सोचते रहते हैँ ऐसा ना हो जाए वैसा ना हो जाए ।
जिन मां बाप को अपने बचपन में ताने मिलते थे वही आगे अपने बच्चों को ताने मारते रहते हैँ ।
बच्चे जो कि आप पर निर्भर हैँ उन्हे दिल में प्रेम करते रहो । बच्चे चाहे कैसे भी बोले सदा उनके प्रति सोचते रहो आप स्नेही हो स्नेही हो। आपका यह संकल्प बच्चों को बदल देगा ।अगर मां बाप निस्वार्थ स्नेह बच्चों से करते है तो वह श्रेष्ट बनते है । अगर स्नेह नहीँ करते तो बच्चे क्रोधी बनते है ।
बच्चे के बारे मन में सोचते रहा करो तुम बहुत बुद्विवान हो, तुम मिलनसार हो, भाई बहिनो से मिल कर चलते हो , तुम सभी कार्य ध्यान से करते हो, आप चरित्रवान हो, आई लाइक यू लव यू। आप के ये संकल्प उन्हे बदल देगे ।
बच्चे मां के मन क़ी आवाज अनुसार चलते हैँ । इसलिए सदा मन में बच्चों के प्रति अच्छा सोचो । भगवान आप प्यार के सागर हैँ यह चमत्कारी शब्द सिमरन करते रहो ।
ओम शान्ति..
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